आमतौर पर यह माना जाता है कि मोटापे, मुहांसे, पीसीओडी और मधुमेह का मुख्य कारण मीठा ही है, जबकि सच यह है कि अधिकतर समस्याएं जरूरत से ज्यादा कैलरी ग्रहण करने और न के बराबर शारीरिक श्रम करने से होती हैं। दरअसल, संतुलित मात्रा में मीठा खाना सेहत के लिए जरूरी है। बिना शक्कर के शरीर सही ढंग से काम नहीं कर सकता। तभी फलों का सेवन किया जाता है।

मिलती है तुरंत ऊर्जा
चीनी से हमें सीधे तौर पर ग्लूकोज मिलता है। कठिन शारीरिक श्रम के बाद हमें अपने शरीर में ऊर्जा का स्तर दोबारा संतुलित करने के लिए शर्करा की जरूरत पड़ती है, जो ग्लूकोज द्वारा मिलती है। इसीलिए कमजोरी महसूस होने की स्थिति में बीमार व्यक्तियों को या बहुत कठिन शारीरिक श्रम करने वाले लोगों को तुरंत पानी में ग्लूकोज घोलकर पीने की सलाह दी जाती है, ताकि उन्हें फौरन ऊर्जा मिल सके।

शरीर का ऊर्जा बैंक
ग्लूकोज हमारे शरीर में एकत्र हो जाता है और जरूरत पड़ने पर ऊर्जा के रूप में शरीर को शक्ति देता है। दरअसल, जितना मीठा हम खाते हैं, वह सारा एकदम से ऊर्जा में परिवर्तित नहीं होता है, बल्कि शरीर द्वारा संग्रहित